अभिलाषा के अब पंख लगेंगे दूर तक होगी मेरी उड़ान! अभिलाषा के अब पंख लगेंगे दूर तक होगी मेरी उड़ान!
आज के समाज में इंसान किस तरह इंसानियत को भूला बैठा है उसी पे कुछ पंक्तिया लिखी है मैंने... आज के समाज में इंसान किस तरह इंसानियत को भूला बैठा है उसी पे कुछ पंक्तिया लिखी ह...
एक बात तो बताना , क्या वाकई मुझसे मोहब्बत है। एक बात तो बताना , क्या वाकई मुझसे मोहब्बत है।
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
तुझे यूं ज़िंदगी से मुंह मोड़ना नहीं चाहिए था.. इतनी आसानी से मौत को गले लगाना था. तुझे यूं ज़िंदगी से मुंह मोड़ना नहीं चाहिए था.. इतनी आसानी से मौत को गले लगान...
मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता! मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता!